देश के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा हेतु इंदिरा गांधी के प्रयास

इस विषय में इंदिरा गांधी का यही कहना था कि जो बच्चे अपने भविष्य को नहीं समझ पा रहे हैं और उनके माता – पिता बच्चों को शिक्षा की तरफ ले जाने के लिए उत्साहित नहीं हैं तो ऐसे में क्या प्रयत्न किये जाएँ? परन्तु फिर भी इंदिरा गांधी ने अपने प्रयासों में कमी नहीं आने दी. उन्होनें गांव - गांव में प्राथमिक विद्यालय बनाने की योजना बनायी और बच्चों को पुस्तकों को उनका साथी बताने लगीं. इंदिरा गांधी को इस बात पर भी गर्व था कि बच्चे शिक्षा की तरफ भले ही कम ध्यान दे रहे हों, फिर भी भारतीय समाज में प्राचीन संस्कृति की झलक दिखाई देती थी, जिसमें सभ्यता, आदर्शवाद, ईमानदारी व एक – दूसरे का मान – सम्मान रखने की भावना थी. इंदिरा गांधी इस बात पर गर्व करती थीं कि हमारे देश के इतिहास को इसी प्राचीन सभ्यता ने सजीव बना रखा है.
- -- वैचारिक रचना ‘प्रधानमंत्री’से, पृष्ठ संख्या - 77
Published on January 14, 2015 05:38
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