I have written this poem on behalf of protagonist of LOV...

I have written this poem on behalf of protagonist of LOVE @ AIR FORCE, Shabd Mishra.....
शब्द मिश्रा कि एक कविता....


वह कौन है ??

जानती हो, इस संसार में तुम्हारा नाम,
तुम्हे स्मृति में रख,
तुम्हारे अतिरिक्त,
जिसने सबसे अधिक बार लिखा है,
वह कौन है ?

अकेले में खुद से बातें करते,
तुम से भी कीं हैं,
कितनी ही बातें,
तुम्हे कितनी बार पुकारा है,
जिसने तुम्हे हर रूप में सराहा है,
वह कौन है ?

दिसंबर की धुंध से डरी,उषा में खोकर,
उस सड़क के किनारे ठिठुरते हुए
तुम्हारी राह देखी है,
तुम्हारे निःस्वर अभिवादन की आशा में,
जिसने कांपते हुए बहुत सा समय गुजारा है,
वह कौन है ?

तुम आतीं थीं, मुस्कातीं थीं,
तुम्हारे होंठ कुछ कहते तो थे,
पर मैं सुन नहीं पाता था,
किन्तु समझ जाता था,
उस क्षणिक अपनत्व से निहाल होने को,
जो बहुत कुछ, शायद सब कुछ हारा है,
वह कौन है ?

तुम्हे याद भी न होंगी वो राहें,
जिनपर तुम्हारे हमारे,
पगों के निशाँ अब भी हैं,
दोनों और खड़े वृक्ष आज भी हैं
तुम जिनसे मिलने लौटकर न आईं,
पर जो आज भी उनसे मिलने अक्सर जाया करता है,
वह कौन है ?

तुम प्रयोगवादी होकर आगे बढ़ गयीं,
दुःख नहीं है की सब भूल गयीं,
निराशा है, पर संतुष्टि भी है,
कि जीवन में एक असाधारण व्यक्तित्व ,
मुझे मिला तो सही,
तुम्हे खोकर भी जीवन का अर्थ तुम्हे बनाया है,
वह कौन है ?

मिलन ही हो प्रेम का परिणाम, अनिवार्य तो नहीं,
तुम्हे याद रखना भी आवश्यक तो नहीं,
पर तुम्हारी भ्रान्ति, कि,
'समय सब कुछ भुला देता है'
दूर करना चाहता हूँ,
तुम्हे याद रखकर भी हर रिश्ता जिसने निभाया है,
वह कौन है ?
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Published on August 11, 2014 21:19
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