सुनहरी धूप


चित्र: मेरी पेंटिंग



'मैंने तो नहीं कहा था कि चली जाओ?'

कुछ देर वो बस अपनी कॉफ़ी के कप को देखती रही, और मैं उसे। वैसे तो सुनहरी धूप सबकुछ सुंदर बना देती है, पर इसे कुछ ज़्यादा ही।

मैं अपनी धड़कन की रफ़्तार पर हैरान था। एक साल, तीन महीने की दूरी के बावजूद? उसने धीरे से अपनी नज़रें उठायी तो अचानक कैफ़े के काउंटर का डिज़ाइन मुझे बहुत दिलचस्प लगने लगा। क्या वो मुझे देख रही है? अगर हां, तो क्या सोच रही है? क्या वही, जो बस कुछ सेकेण्ड्स पहले मैं सोच रहा था? 

'पर तुमने रोका भी तो नहीं।' 

कैफ़े का काउंटर जैसे गायब हो...

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Published on February 05, 2022 19:56
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