कुछ अनकहा सा...



'कभी-कभी दूरी आपको ये एहसास दिलाती है कि आप किसी के कितने करीब आ चुके हैं।'

मैं जब छोटी थी तो मैं सब कुछ बनना चाहती थी। बस वो बनने के बारे में कभी नहीं सोचा था, जो मैं बन गयी हूँ। राइटर और आर्टिस्ट। 

राइटिंग ने मुझे इतना ज़्यादा हैरान नहीं किया था जितना पेंटिंग ने किया। 


मैंने शुरुआत हिन्दी कविता और कहानियां लिखने से की थी। मुझे याद है: एक बड़ी सूनी और आलसी सी दोपहर थी जब मैंने एक कविता लिखी थी जो एक पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। फिर मैंने एक कहानी लिखी। पर बात नहीं बनी। वो कहानी रिजेक्ट हो गई। फिर उस...

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Published on June 24, 2021 00:14
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