मौत हर राह पर खड़ी हैदरवाज़े के पीछेबिस्तर के नीचेआज उसका तांडव हैरिश्ते मायने नहीं रखतेहाथ खिलौनों से खेलने वाले हैंया जिंदगी का हल जोतने वालेआपका धर्म आपकी जाती आपका ओहदाफर्क नहीं पड़ता है उसेमौत तो आज बस मौका ढूंढ रहीउसकी भूख आज अथाह हैइंसान महान प्राणी हैढूंढता अपनी पहचान हैइतिहास धर्म आस्था के पन्नो मेंजहां जरूरत पड़ती हैसुविधानुसार पन्ने चिपका देता हैसच या झूठ तो बस कल्पना हैमौत ठहाके लगाकर
Published on April 14, 2021 21:21