सब कुछ हो के अब कुछ नहीं रहाहमारे दरमियान अब कुछ न रहातू आना मुझसे मिलने अगर चाहे तोकयुकी मेरे पास अब तुजसे मिलने का कोई बहाना न रहा
Read More: सूरज से गुफतगू #34
Welcome back. Just a moment while we sign you in to your Goodreads account.