अजब इक शोर सा बरपा है कहींकोई खामोश हो गया है कहीं…है कुछ ऐसा के जैसे ये सब कुछअब से पहले भी हो चुका है कहीं…जो यहाँ से कहीं न जाता थावो यहाँ से चला गया है कहीं…तुझ को क्या हो गया, के चीजों कोकहीं रखता है, ढूंढता है कहीं…तू मुझे ढूंढ़, मैं तुझे ढुंढूकोई …
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Published on December 04, 2020 08:58