अखॉं अन्दर दी…

ले-ले नाम तेरा, सॉंसॉं मेरी रुकदी नी


सिमरन कर धोंदी करमा नू, पर मैंला पूरी धुलदी नी


दिसदा नेहरा इनहा, कि धार रस दी मिलदी नी


मेहर करीं बाबा, कि अखॉं अन्दर दी खुलदी नी

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Published on November 26, 2016 06:49
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