सोचा की आज तुझे थोड़ा निहार लू
दो पल तेरी खुशबू में खो जाऊ
मन किया की आज कुछ देर तेरी छाँव में सो जाऊ
तू कुछ नाराज़ सी मालूम होती है मुझे
तू बहुत ही व्याकुल सी जान पड़ती है
हा तेरी नाराज़गी भी जायज़ है
तू मुफ्त में जो मिल जाती है
अपने होने का एहसास नहीं जताती है
तो बस सब तुझे मान कर चलते है
बस अब और ज्यादा कुछ न कहते हुए
तुझसे अपना प्यार जताती रहती हु
तेरे निस्वार्थ प्यार के लिए मैं बस तुझे धन्यवाद् कहती हु
-प्रियंका
Published on June 04, 2020 19:00