तस्वीरों का सच

क्या तुमने गौर से देखा है कभी

रंग बिरंगी तस्वीरों को?


उनमे रंग नहीं कलाकार का हर एक एहसास बस्ता है

जब हो कोई रंग बिरंगी तस्वीर हो तो मानो

उसे बनाते हुए वो कलाकार खूब हस्ता है


जब भरे हो रंग उदासी के नीले और काले

तो समझो छाए हो उसके मन में अंधियारे से उजाले


ओझल सी आँखो से फिर वो नए ख्वाब बुनता है

अपने कोरे कागज़ पर रंगो से एक नकाब बुनता है

जो छुपा लेता है उसके चेहरे की सुर्ख सी वो उदासी की लकीरें


तस्वीरों के पीछे का सच एक कलाकार यु ही छुपा लिया करता है

हर बार नए रंगो में खुद को ढ़ाल कर एक नयी सी तस्वीर बना लिया करता है।


–प्रियंका


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Published on May 06, 2020 08:39
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