अरबों की भीड़ में अकेला
स्वपन बिन सजीला
सतरंगी मेरा इश्क़
रूह से गुज़रता हुआ
लहू की तरह बिखरता हुआ
निर्मोही मेरा इश्क़
मेरे महबूब के दीद में डूबा
दर्द की चुनर में रंगा
मेरा रंग-ए-जमाल इश्क़
उम्र भर की फ़िक्र सा
दिल-ए- दुआ की जिक्र सा
बेमिसाल मेरा इश्क़
अपनी ही अस्तित्व को टटोलता
समय की गिरफ्त में
मेरा वजूद-ए-हाल इश्क़
जिस्म से रूह तक
दिल से जेहन तक
रंग-ए-मलाल इश्क़
प्यार से मुहब्बत
मुहब्बत से इश्क़
इश्क़ से भी परवान (हद) मेरा इश्क़
रंजिशों भरा
तमाशेगार मेरा इश्क़
नाज़ुक मिज़ाज़ यह इश्क़
थोड़ा ज़ालिम
थोड़ा बेरी
आखिर क्या कमाल मेरा इश्क़
उफ़! ये मेरा लाल इश्क़
-प्रियंका©
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Published on February 18, 2020 06:34