कुछ ऐसा हो कि...






Photo by Brendon Thompson on Unsplash



तुमहें जी भर कर देखना चाहता हूँऔर चाहता हूँ कि तुम भी कभीनज़रें मिलाओ।कुछ ऐसा हो कि तुम भी कुछ कहो,कभी तुम भी पयार जताओ।तुमहारे पास रहना चाहता हूँ,और चाहता हूँ कि तुम मेरे क़रीब रहो,इतने करीब कि जब कभी मैं तुमहेंछू लूँ तोछिटककर दूर ना हो जाओ।और ये ना कहो कि 'ये कया हरकत है?' 

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जो पयार तुमहारी आंखों में है,और कहीं नहीं।जो खुशी तुमहारी मुसकुराहट में है,और कहीं नहीं।जो सुकून इन बाहों के घेरे में हैऔर कहीं भी तो नहीं।अब सोचता...
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Published on December 20, 2019 10:21
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