कुछ मीटर पर...ज़िंदगी! (कहानी)


आस-पास के माहौल का इंसान पर काफ़ी असर पड़ता है। उस माहौल का एक बड़ा हिससा दूसरे इंसान ही होते हैं। एक कहावत है कि आप उन पांच लोगों का मिशरण बन जाते हैं जिनके साथ आप सबसे ज़यादा समय बिताते हैं। जहाँ कई लोग दूसरों को सकारातमक जीवन जीने की सीख दे जाते हैं वहीं कुछ जीवन के लिए अपना गुससा, नाराज़गी और अवसाद अपने आस-पास छिड़कते चलते हैं।
35 साल का कुंदन, रांची की एक बड़ी कार डीलरशिप में सेलसमैन था। अकसर खुद में कुढ़ा सा रहने वाला जैसे ज़िंदगी से ज़िंदगी की चुगली करने में लगा हो। उसकी शिकायतों का पिटारा कभी ख़त...
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Published on November 22, 2019 11:33
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