लापता सी इस ज़िन्दगी मेंअपनी शख़्सियत तलाश रहीं हु चंद पलो की खुशियाँ नहींउम्र भर का सुक़ू तराश रहीं हु वक़्त-बेवक़्त मुझसे मिलने आते है ज़िन्दगी के फलसफे कुछ इस तरहआज़माता हो किसी के हुनर कोई जिस तरह हौसलें की कमी नहीं अफ़ज़ाई करने वालो की किल्लत हैकिसी की बेहतरी
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Published on November 07, 2019 04:10