एक छोटी सी इल्तजा

छोटी छोटी बातों से जो ख़ुशी मिल जाती थी कभी,

आज वो आलम है, सामने खड़ी ऑडी भी पराई लगती है,


वो एक रूपए से बीस ऑरेंज कैंडी का पॉकेट में आना,

वो स्कूल की कैंटीन में बन छोला का मुँह में इतराना,


वो इमली वाले को देख, मन का मचल जाना,

वो पॉकेट मनी का हर महीने जेब में आना,


वो कॉलेज में जन्मदिन पे दोस्तों को बाहर ले जाना,

वो ढाबे पे दो रूपए की चुस्कियों का मज़ा लेना,


वो लेक्चर में उसी के साथ बैठने का लुफ्त उठाना,

वो उधार की बाइक पे बैठ गंगा किनारे जाना,


[image error]


ज़िन्दगी कुछ बदली बदली लगती है दोस्तों,

सब होकर भी कुछ अजनबी सी लगती है दोस्तों,


कहते हैं सब पाके सब मिल जाता है,

यहाँ तो सब होकर भी खोयी सी लगती है दोस्तों,


जो बीत गया वो कभी ना लौटेगा,

जो पीछे छूट गया, वो दिल क्या खटखटाएगा,


इल्तजा तो बस इतनी सी है, ऐ ज़िन्दगी,

एक बार फिर ये सिखला दे,


छोटी छोटी बातों में खुशियों की एहमियत,

एक बार फिर इसका इल्म करा दें.


Source for the image: https://www.afaqs.com/news/media/50567_zindagi-to-off-air-from-tv-will-now-stream-on-ozee

 •  0 comments  •  flag
Share on Twitter
Published on October 16, 2019 00:10
No comments have been added yet.