(Inspired from my conversation I had with a security guard in the building)
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हसरते तो बहुत है पर क्या करूँ, पूरी नहीं होती,
सुबह ५ बजे उठने के बाद भी चैन से जीने नहीं देती,
मास्टर साहब कहते थे, सपने देखना कभी मत छोड़ना,
ज़िन्दगी की उड़ान को कभी रुकते हुए मत देखना,
कुछ करना ऐसा जिससे सारी दुनिया सलाम करे,
दूर से देख लम्बी आहें भरे,
आज हालत ये हैं, कि सलाम करना एक आदत बन चुकी है,
सारी चाहते पानी में मिल चुकी है,
उनको क्या बताऊँ, सब छूट सा गया है,
दिल भी बेहाल डूब सा गया है,
नींद नहीं आती ये सोच के कि कल क्या होगा,
उस ट्रेन का सफर, कहीं आखरी सफर ना होगा,
सुबह शाम बस यही सोचता रहता हूँ,
क्या नसीब हमेशा ऐसा ही होगा,
क्या बताऊँ साहब, अब जीने का मन नहीं करता,
घर का हाल देख, घर जाने का मन नहीं करता,
माँ कहती है कि हिम्मत कभी मत हारना बेटा,
ज़िन्दगी एक संघर्ष है, इसको कभी झुटलाना नहीं बेटा,
एक दिन सफलता ज़रूर तुम्हारे कदम चूमेगी,
सपने देखना कभी मत छोड़ना बेटा.
Source for the Image: http://www.jantakareporter.com/india/security-guards/62284/