ठेंगा रामजी नेता हैं और नेता उदघाटन न करे तो वो कैसा नेता। शायद उन जैसे नेताओं के लिए ही भगवद गीता में लिखा गया है करमणये वाधिकारसते मां फलेषु कदाचन । आप उदघाटन किये जाऐं, काम समापत होगा या नहीं इसकी चिंता न करें। सौभागयवश काम पूरा हो गया चाहे वो किसी के भी दवारा किया गया हो तो आप वापस उसका उदघाटन करने जरूर पहुँच जायें। शहर के हालत ऐसे हैं की पुल तो बनते नहीं, शिलानयास के पथरों की
Published on March 12, 2019 01:24