संसद में बहस चलती है, शायद। संसद का जब निरमाण हुआ तो इसमें बैठने की अचछी वयवसथा की गई ताकि चुने हुए परतिनिधि देश के महतवपूरण विषयों पर बहस कर सकें। मगर संसद के निरमाताओं को कहाँ पता था की यहाँ शबदों के अलावा हर चीज उड़ाई जाएगी। आजकल जैसे कागज के पलेन उड़ रहे हैं संसद में। नहीं, नहीं ये कोई सुरकषा के लिए डरोन वगैरह नहीं है, ये तो कागज़ के पलेन हैं जो हम और आप बचपन में उड़ाते थे। कई
Published on January 03, 2019 22:00