यूँ तो प्रेम का मामला हमेशा नाज़ुक ही होता है, लेकिन कुछ प्रेम कहानियाँ इतनी नाज़ुक होती हैं कि जैसे ही उनका ख़ुलासा होता है, प्रेमियों की समझो शामत!
हिंदुस्तान में, अगर जाती या धर्म का फ़र्क़ हो तो परिवार और समाज के लोगों को तो तकलीफ़ है ही, प्रेमियों की जान को भी ख़तरा है। अगर केवल आर्थिक स्तर में फ़र्क़ हो तो लोगों की नाक-भौएँ चढ़ जाती हैं। जिसके पास पैसे ज़्यादा हों, उससे और उसके परिवार वालों से
Published on September 19, 2018 10:13