एक खबर फिर आयी, जिसने रोज की तरह फिर निरभया की याद दिलायी .
वो 23 साल की थी और शहीद कहलायी,
फिर एक के बाद एक इस लिस्ट ने लम्बी कतार बनायी.
हर दिन 100-120 मासूम चढ़ती हैं हैवानो की गंदी नीयत की बली,
अब तो इस डर से अंजान नहीं,
ना कोई नुक्कड, ना कोई गली.
होने दो जो हो रहा इन लड़कियों के साथ,
पहनेगी छोटे कपडे, जायेगी स्कूल कॉलेज,
उनके साथ यही होगा जो घूमेगी लड़को के साथ,
चाहे हो 3 महीने की य़ा तेरह साल की,
यही तो मर्दों को उक्साती हैं,
"तुम लड़की हो, यही तुम्हारी गलती है",
ये बात कहाँ इन लड़कियों की समझ में आती है,
बनना है इनको बडा, पढना है, लिखना है,
खुद से पैसा कमाना है, खुद का नाम बनाना है,
क्या भूल गई ये लड़किया,
कि कल भी था, आज भी मर्दों का ही ज़माना है.
ना निकलेगी घर से लड़की , ना पैदा की जायेगी,
अरे ब्लातकार की समस्या खुद ही सुलझ जायेगी,
ज़ब खत्म हो जायेंगी ये सब लड़किया,
तब दुनिया ही थम जायेगी,
अरे... अरे.. परेशान मत होना मर्दों,
तुमारी भूख तब भी मिटेगी,
क्योंकि तब खुद मर्दजात, तुम्हारी बारी आयेगी,
और वो तारीख मेरे जीते-जी,
यकीनन आयेगी ही आयेगी!
Really angry and waiting for that day to come soon when we'll hear a news that a boy became NIRBHAYA !
Published on
January 15, 2018 11:56
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Tags:
rape