मराठी व हिन्दी चारोळ्या

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बहुत होङ्गे तुम्हारे चाहने वाले
इस बात का इतना गुरूर ना करो
तुम एक ही नही हो इस दुनिया मे
हमने भी बहुतो को चाहा है
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दिवा न दिव्याची काजळी
घड्याळ न घड्याळाची साखळी
नसलीस तू तरी आठवण तुझी
फ़ूल न फ़ुलाची पाकळी
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Published on July 15, 2013 19:46
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