Avishek Sahu's Blog: Views From The Left, page 2

October 14, 2022

CPGRAMS GRIEVANCE : DCOYA/E/2021/05088


WHEN THE IDENTITY OF AN ENTERPRISE ISSUED BY THE GOVERNMENT OF INDIA REQUIRES NO SIGNATURE AS LONG AS IT IS A COMPUTER GENERATED DOCUMENT, ALL DOCUMENTS SUFFICE AS THAT IN MATTERS OF LEGALITY AS LONG AS THEY ARE COMPUTER GENERATED, CONSIDERING ALL GOVERNMENTS ARE BUSINESS OR THE PUBLIC PRINTS CASH MAKING IT AN ESSENTIAL TOOL OF COMMUNISM. ALSO, IF CHINA IS A NATION, CHINA CLUBS AT IVE-LEAGUE B-SCHOOLS ARE EVIDENCE OF COMMUNISM BEING NURTURED IN BUSINESS, AND IF CHINA IS A PARTY, IT IS AN INTEGRA...

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Published on October 14, 2022 23:19

October 10, 2022

मतलब, हैवानियत

मतलब कभी ढूंडा था मैंने यूहीं कांटों के रस्तों पे चलते चलते,
नाक में दम कर रखा था दिल ज़ख्मों पे नमक मलते मलते,
बोला यूहीं नहीं मिल गया तुझे सुकून उन नटखट रातों की बातों में,
और यूहीं नहीं बच गया था तू उन बातों से भरी मुलाकातों में।

अब इतना ना बौखलाते जा तू भीख के सरहदों पे रेंगते हुए,
इतना भी होता अक्कड़ तो घरवालों को ना मिलता फेंकते हुए,
फेंक के होजाता अगर तू बादशाह उन अनजाने शहरों का,
तो ना धड़कता में इतनी ज़ोर जब आया था फरमान बेहरों का।

इतने में में भी गया सटिया सा दिल के बाहों में,
बोला ये न...

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Published on October 10, 2022 23:49

How India Ceased To Be The Day It Was Deemed To Be!

British India was British occupation of India. There was no Pakistan that Britain occupied, and there was no Pakistan ever that anybody else occupied. So, legally, the scope of Pakistan being an independent nation does not arise because then one would have to assume it was occupied by a foreign force in the first place to have been later declared independent. Not getting into the trivialities of who achieved first, and when, it should suffice to point out that to call Pakistan an independent nat...

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Published on October 10, 2022 23:20

December 4, 2021

इतिहास गवाह है

जनाब इतिहास गवाह है के केला से हम ठुक के उसे रौंदा नहीं, बस कुछ इधर उधर खाने की आदत बचपन से है, आखिर महावीर हैं कांदा नहीं; इतनी इज़्ज़त खाने को देने वाले का क़ुतुब मीनार गिरा हुआ होता है तो पढ़ा ही होगा, जग के बीज से आपको प्रेम पत्र लिख रहे हैं, आखिर जग पे तो जग आज चढ़ा ही होगा।

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Published on December 04, 2021 18:23

December 3, 2021

दरोगा के चलन में

दरोगा के चलन में उलझी मलहम लगाओ उनका बलम छा उठेगा काली कलम लेके, बरोदा के ललन में खिलजी चलन दबाओ मन का जलन वाह वाह चीखेगा मवाली गलम लेके, चुदेगा चुदेगा बिल्कुल चुदेगा लेकिन कब तक छिपेगा बीवी का बलमा को सलमा मान कर, हम तो सलमा का कलमा का हलीम बना दीया सलीम की तालीम को बलमा मान कर।

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Published on December 03, 2021 19:12

November 21, 2021

सन्तरी विलेन होगी

जनाब सुना बच्चों के रहमदिली पे तरस आ गया आपको बागी हमको मान ही लीया, और लुच्चों के सहनशीली से चरस छा गया बाप को बैरागी तुमको थाम ही लीया, डिस्को जो जाते देश बचाने भेष बचा मंत्री की देन होगी पर्दे के पीछे से, खिसको जो आते शेष रचाने बंगलादेश जचा सन्तरी विलेन होगी गुर्दे के नीचे से।

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Published on November 21, 2021 18:14

गुलाम धोने का

जनाब पैंसठ चौसंठ से खरगोशी मांगे खरगोश जोश ज़िंदादिली कि नुमाइश का, मुंहफट पोपट से कलाकारी मांगे कलाकार हार दरियादिली कि सिफारिश का, सिफारिश गुज़ारिश पिस्तौल सि साज़िश खरगोश कलाकार बाज़ारों का बाज़ारु होने का, अदाकारी भाती कलाकारी भाती जो जो हुकुम सोने का नहीं वो गुलाम धोने का।

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Published on November 21, 2021 05:48

फटी नहीं है अपनी पत्ती तीन में

जनाब कलकत्ता गए तो खिलाड़ी बनना पड़ता है अनाड़ी जो बनाया आपने खेल में, पानपत्ता खाए तो अनाड़ी बनना पड़ता है खिलाड़ी जो जमाया सपने सेल में, इतने में बाज़ी उल्टा तो चेहरा देख लो फटी नहीं है अपनी पत्ती तीन में, राज़ी कुल्टा तो मोहरा छेंक लो कटी नहीं है अपनी दम्पत्ती बीन में।

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Published on November 21, 2021 05:41

November 17, 2021

Views From The Left

Avishek Sahu
An insouciant take on life in general with a focus on seeking alternate theories to broad social factors that affect us.
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