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“अंतरटॉनिक
बीड़ी फूँकती हो अवंतिका
चुंबन में श्रम का स्वाद पाता हूँ
देसी पीती हो अवंतिका
श्वास में नींद की गंध पाता हूँ
गुटखा खाती हो अवंतिका
जीभ पर रक्त का स्पर्श पाता हूँ
जुलूस में जाती हो अवंतिका
पसीने में तुम्हारे दिवास्वप्न पाता हूँ”
― Selected Poems
बीड़ी फूँकती हो अवंतिका
चुंबन में श्रम का स्वाद पाता हूँ
देसी पीती हो अवंतिका
श्वास में नींद की गंध पाता हूँ
गुटखा खाती हो अवंतिका
जीभ पर रक्त का स्पर्श पाता हूँ
जुलूस में जाती हो अवंतिका
पसीने में तुम्हारे दिवास्वप्न पाता हूँ”
― Selected Poems
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