Munshi Premchand > Quotes > Quote > Preet liked it

Munshi Premchand
“मनुष्य के मन और मस्तिष्क पर भय का जितना प्रभाव होता है, उतना और किसी शक्ति का नहीं। प्रेम, चिंता, हानि यह सब मन को अवश्य दुखित करते हैं, पर यह हवा के हल्के झोंके हैं और भय प्रचंड आँधी है। मुंशीजी”
Munshi Premchand, मानसरोवर 1: प्रेमचंद की मशहूर कहानियाँ

No comments have been added yet.