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Kambuja Desa - Or An Ancient Hindu Colony In Cambodia
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Ajay Thakur | 2163 comments * Title: कम्बोज अथवा कम्बोडिया का प्राचीन हिन्दू उपनिवेश [Kamboj Athva Kambodia Ka Pracin Hindu Upnivesh]

* Author: R.C. Majumdar
*Translator: Shapur Navsari
*Editor: Vinay Krishna Chaturvedi "Tufail"

*ISBN : ‎ 8198770216, 978-8198770219

* Publisher: ‎Akshaya Prakashan;

* Publication: 23 June 2025

* Page count: 236


* Format: Paperback

* Description: भौतिक सुखों में लिप्त भारतीयों की वर्तमान पीढ़ी के लिए आज यह विश्वास करना कठिन है आज से 2 हजार वर्ष से भी प्राचीन काल से भारतीय अपनी वीरता, साहस व उद्यमशीलता के बल पर पश्चिम में कैस्पियन सागर के तट से लेकर सुदूर पूर्व में फिलीपर्पीस व पूर्वी तिमोर तक अपनी बस्तियां बसाने में सफल रहे थे। भारतीयों के यह उपनिवेश, सांस्कृक्तिक उपनिवेश अवश्य थे, परंतु उन्होंने स्थानीय रीति-रिवाजों व उत्सवों को भी अपने में समाहित किया। इस दृष्टि से भारतीयों के यह उपनिवेश ईसाइयों तथा मुस्लिमों द्वारा स्थापित औपनिवेशिक व राजनैतिक साम्राज्यों से भिन्न थे जहाँ मिथ्यावादन, धूर्तता, छल व हिंसा का प्रयोग करके स्थानीय संस्कृक्ति को उजाड़ दिया गया था। कंबोडिया अथवा कंबोज में भारतीय उपनिवेश की स्थापना प्रथम व द्वितीय शताब्दी ईस्वी से ही एक सिलसिलेवार ढंग से होनी शुरू हो गई थी। कंबोज में भारतीय सांस्कृक्तिक उपनिवेश स्थापित करने का श्रेय कौडिन्य नामक भारतीय ब्राह्मण को दिया जाता है जो दूसरी शताब्दी ईस्वी में यहाँ आया था। परंतु निश्चय ही कंबोज के तटीय क्षेत्रों में तथा निकटवर्ती जावा व सुमात्रा में भारतीय व्यापारिक बस्तियां इससे पूर्व भी रही होंगी, जिनका कुछ-कुछ संकेत जातक कथाओं में भी मिलता है, दृष्टांत के लिए समुद्द वणिज बौद्ध जातक कथा में, मिथिला के राजकुमार महाजनक द्वारा सुवर्णभूमि (आधुनिक सुमात्रा) की यात्रा का वर्णन है। कंबोज के राजाओं द्वारा निर्मित भव्य हिन्दू मंदिर आज भी विश्व के अनूठे आश्चर्यो में गिने जाते हैं। 1860 में, फ्रेंच प्रकृतिवादी तथा अन्वेषक, हेनरी मौहोत ने कंबोज स्थित विश्व के सबसे बड़े विष्णु मंदिर अंगकोरवाट से पाश्चात्य जगत को परिचित कराया। बक्सेई चामक्रोंग का शिव मंदिर, बायोन का बुद्ध मंदिर, कोह केर का शिव मंदिर, बन्तेय छमार का बुद्ध मंदिर इत्यादि भी उल्लेखनीय हैं। यह पुस्तक डॉ. रमेश चंद्र मजूमदार द्वारा 1944 में लिखित मूल पुस्तक का हिन्दी अनुवाद है। वह प्रथम भारतीय थे जिन्होंने कंबोज में भारतीय संस्कृति की प्राचीन उपस्थिति को साक्ष्य के साथ विश्व के सामने रखा था।
*Language: Hindi

*Link: https://www.amazon.in/Kamboj-Athva-Ka...


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Ajay Thakur | 2163 comments Please add this book.


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