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अंताजी माणकेश्वर गंधे (Antaji Mankeshwar Gandhe)
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message 1: by Ajay (new) - added it

Ajay Thakur | 2119 comments * Title: दिल्ली के संरक्षक मराठा योध्दा - अन्ताजी माणकेश्वर गन्धे [Antaji Mankeshwar Gandhe]

* Author: Kaustubh Kasture
*Translator: Pratima Dike

* ISBN (or ASIN): B0D6MWJQ6R

* Publisher: Hedwig Media House

* Publication: 29 May 2024

* Page count: 174

* Format: Paperback

* Description: मराठा इतिहास में जिसमें होलकर, सिंधिया, भोंसले और गायकवाड के नाम का बोलबाला है वहां अन्ताजी माणकेश्वर (विशेषकर हमारे उत्तर भारतीयों के लिए उनका नाम लगभग अनजाना ही है ।) रघुनाथराव ने उन्हें पेशवा के प्रतिनिधि के रूप में मुगल शाही दरबार में नियुक्त किया था और मुगल बादशाह उनके संरक्षण में रहते थे। अन्ताजी इस पद पर ई.स. १७५२ से १७६१ तक बने रहे जब वो पानीपत के तीसरे युद्धमें लड़ते हुए खेत रहे । क्योंकि दिल्ली शाहीतख्त का स्थान है, अतः पेशवा के प्रतिनिधि के रूप में अन्ताजी एक अत्यंत महत्व के पद पर पदासीन थे। करीब करीब सब अर्थों में वो मुगल दरबार में पेशवा के राजदूत (आंख और कान ) थे यानीं मुगल साम्राज्य तक पहुंचने का मध्य मार्ग या सहज माध्यम थे। इससे हमें यह अंदाजा लग जाता है की अन्ताजी उन दिनों की गहन बातचीत, तुरंत किए जाने वाले गठजोड़ और हर मिनट होने वाली तरल स्तिथि का कितना महत्वपूर्ण हिस्सा थे, जबकि उन्हें मराठाओं द्वारा किए जाने वाले युद्ध के लिए सेना की एक टुकड़ी भी तैयार रखनी पड़ी थी। उनके लिए इससे बड़ा सम्मान क्या हो सकता है जब हमें ज्ञात होता है की वो पानीपत के तीसरे युद्ध में दुर्रानी के विरुद्ध लड़ते लड़ते मारे गए। इसी तर्क को अगर हम आगे बढ़ाएं तो, अगर विश्वासराव पानीपत के तीसरे युद्ध को जीत जातें तो अन्ताजी माणकेश्वर किस पद को सुशोभित किए होते, यह में वाचक की कल्पना पर छोड़ देता हूं ।

* Language: Hindi

*Link: https://www.amazon.in/dp/B0D6MWJQ6R/?...


message 2: by Ajay (new) - added it

Ajay Thakur | 2119 comments Please look into this


message 3: by Emmy (new)

Emmy de Reus (nyneve) | 19273 comments Please do not bump more than once a week


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