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Kindle Notes & Highlights
by
Manav Kaul
Read between
April 18 - April 19, 2022
राधे के पिता कहते थे कि यह गाँव असल में सारे जवानों को बहुत जल्दी बूढ़ा बना देने की मशीन है, जो यहाँ रुक गया वो तुरंत बूढ़ा हो जाता
इस उपन्यास की कहानी में घुसते ही समस्याएँ बदल जाती हैं और कहानी की समस्याएँ जीवन में चल रही उलझनों के बोझ को थोड़ा कम कर देती हैं। क्या इसीलिए इतनी कहानियाँ और किताबें लिखी जाती हैं?
घर में जब कोई सामान आता था तो वो समय रहते घर का हिस्सा हो जाता था। जैसे खिड़की के पास रखी कुर्सी। उसके बिना इस घर की कल्पना करना नामुमकिन था। तो ख़ुशियाँ क्यों घर का हिस्सा नहीं हो पातीं? क्यों वो घर के किसी कोने में, किसी कुर्सी की तरह टिक नहीं सकतीं?
दुख यूँ ही ख़ाली दुखी करके नहीं जाना चाहता, वो अपने होने का गवाह चाहता है। नहीं दुख नहीं, आप, आप अपने दुख का गवाह चाहते हो जिससे उसका फ़ायदा उठाया जा सके।
पहले मुझे लगता था कि कितना ऊबा देने वाला है–सारी चीज़ों के सत्य का पता लग जाना। लेकिन अब लगता है कि उससे कहीं ज़्यादा तकलीफ़देह है–अधूरी बातों का बोझ।