Suresh Vyas

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अब वहाँ पीछे कोने में बैठकर बीड़ी पीनी है। साथ बोलो, "ब्रह्म हूँ।" तो कुछ मेल तुम्हें दिखाई नहीं देता। बीड़ी और ब्रह्म एक साथ चलते ही नहीं, तो इसीलिए कहते हो, “ब्रह्म अभी हूँ नहीं, ब्रह्म मुझे होना है। अभी तो क्या हूँ? अभी तो मैं बीड़ीखोर हूँ।”
Ashtavakra Geeta / अष्टावक्र गीता (Hindi Edition)
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