उसी तरह सफलता को भी लोग ठीक से नहीं समझते, क्या शक्ति, सत्ता, धन, प्रतिष्ठा प्राप्त करना ही सफलता है? मुझे लगता है, संतुष्टि और आनन्द के साथ देश हित में कोई भी काम आप पूरी ईमानदारी से करें तो आप सफल हैं। फिर चाहें आप थानेदार बन जाएँ या सुबह—सुबह सड़क पर झाड़ू लगाएं।”—त्यागीजी ने कहा।