“पहला बिंदु, प्यार एक जोंक है जो विद्यार्थी से उसी समय चिपकती है जब उसे अपना सबसे ज्यादा समय पढ़ाई में देना होता है। दूसरा, प्यार व्यार कुछ नहीं होता, यह महज अभावों का आकर्षण है। अभाव माने समझ रहे हैं ना पांडे? जो चीज हमारे पास नहीं होती उसका आकर्षण।”