Vivek Singh

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“किसी को कोई दायित्त्व देने से पूर्व परमात्मा उसमें दायित्त्व का निर्वाह करने का सामर्थ्य विकसित करता है।” शैला ने समझाया, “यदि शोण के प्रति हमारा कोई दायित्त्व नहीं होता तो परमात्मा ने इसे हमारे साथ नहीं किया होता, आचार्य!”
Stuti: Mahabharat Aadhaarit Pauranik Rahasya Gaatha Khand 2 (Hindi Edition)
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