Kindle Notes & Highlights
“प्रकृति सभी को अपना मार्ग चुनने का अवसर देती है। कुछ उस अवसर को चूक जाते हैं और कुछ इस विधान का ज्ञान होते हुए भी अनभिज्ञ बने रहते हैं।
“किसी को कोई दायित्त्व देने से पूर्व परमात्मा उसमें दायित्त्व का निर्वाह करने का सामर्थ्य विकसित करता है।” शैला ने समझाया, “यदि शोण के प्रति हमारा कोई दायित्त्व नहीं होता तो परमात्मा ने इसे हमारे साथ नहीं किया होता, आचार्य!”
“जब तक हम जीवन जीना नहीं भूलते हैं, तब तक जीवन के संकटों से हमें भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है।”




