मेरी यही इच्छा है कि अगर किसी कारणवश लोग आनंद से नहीं जी पाते, तो कम से कम उन्हें अच्छी तरह मरना जरूर चाहिए। लेकिन अगर कोई इस दिशा में प्रयास करता है तो और भी बहुत कुछ संभव है। यह संभावना केवल सिद्ध योगियों के लिए ही उपलब्ध नहीं है, बल्कि किसी ऐसे समझदार व्यक्ति के लिए भी है जो ऐसे निर्देशों पर अमल करने को तैयार है जो उसकी समझ से परे हैं।

