Rahul

84%
Flag icon
प्राणी की एक निश्चित दिशा में जाने की, एक विशेष गर्भ की ओर जाने की, एक निश्चित शरीर की ओर जाने की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। यहाँ तक कि जब आप भौतिक शरीर में होते हैं, तब भी आपमें खास तरह के लोगों की ओर जाने की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है, क्योंकि आपके कर्म उसी प्रकार के होते हैं। इसी तरह, जब आपके पास भौतिक शरीर नहीं होता, तब भी आप वही करते हैं।
Mrityu/मृत्यु: Jaane Ek Mahayogi Se/जानें एक महायोगी से (Hindi Edition)
Rate this book
Clear rating