Rahul

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जब कोई स्वयं को शरीर और दिमाग से परे कर लेता है, यानी वह न तो शरीर रहता है और न ही दिमाग, तो वह कालचक्र या समय के चक्र से बच जाता है। तो वह व्यक्ति समय को झांसा देकर यहीं रहता है और उसे अपने लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है।
Mrityu/मृत्यु: Jaane Ek Mahayogi Se/जानें एक महायोगी से (Hindi Edition)
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