Rahul

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शून्य ध्यान में यही होता है आप जागे हुए होते हैं लेकिन आप सोते होते हैं। शरीर को लगता है कि आप सो रहे हैं, इसलिए वह रस-क्रिया (मेटाबॉलिज़्म) को धीमा कर देता है, लेकिन आप जाग रहे होते हैं। जब आप शून्य में बैठे होते हैं, तब अचानक, शरीर को लगता है कि आप जा चुके हैं और, आपके अनुभव में, आपके हाथ, आपके पैर, आदि गायब हो जाते हैं।
Mrityu/मृत्यु: Jaane Ek Mahayogi Se/जानें एक महायोगी से (Hindi Edition)
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