Rahul

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वे अपनी आनुवांशिक स्मृति को खोजना चाहते हैं। तो वे उन्हीं जगहों पर भटकते रहते हैं जहाँ वे स्मृति मौजूद होती हैं। लेकिन क्या उनका इरादा आपको नुकसान पहुँचाना है? बिलकुल नहीं। इन प्राणियों की अपने आप में किसी मनुष्य के मिलने-जुलने करने की कोई प्रवृत्ति नहीं होती। उनके पास चुन सकने की भेद-बुद्धि नहीं होती कि ‘मैं इस व्यक्ति या उस व्यक्ति के साथ संपर्क या मिलना-जुलना करना चाहता हूँ।’ ऐसा आपकी अपनी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया से होता है।
Mrityu/मृत्यु: Jaane Ek Mahayogi Se/जानें एक महायोगी से (Hindi Edition)
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