Rahul

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मृत्यु पीड़ादायक नहीं होती, मेरा विश्वास कीजिए। यह बहुत अच्छी होती है। यह किसी खास वजह से नहीं होती। यह तो हर समय घटित हो रही है। केवल इतना है कि कभी लोगों को एहसास होता है कि यह उनके साथ हुई है, कभी उन्हें इसका पता नहीं चलता। शरीर का टूटना कष्ट दे सकता है। वह कष्टदायक हो सकता है, लेकिन मृत्यु नहीं।
Mrityu/मृत्यु: Jaane Ek Mahayogi Se/जानें एक महायोगी से (Hindi Edition)
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