ABHISHEK KUMAR

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इस अध्ययन के निष्कर्षों की सबसे प्रबल पुष्टि तब हुई, जब भूगर्भीय समय पर अधिकृत तौर पर नज़र रखने वाली संस्था इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्टै्रटीग्राफ़ी (आईसीएस) ने जुलाई 2018 में ‘द मेघालयन’ नामक एक नए युग को प्रस्तुत किया, जो ईसापूर्व 2200 से आज तक जारी है और
Aarambhik Bharitya: Hamare Purvaj Kaun they? Unka Aagman Kahan se Hua Tha? (Hindi Edition)
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