यूरोप में स्टेपी से आए लागों के प्राचीन डीएनए साक्ष्यों ने बहुत-से पुरातत्त्वविदों को आश्चर्य में डाल दिया था, क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के बाद इनके मन में नाज़ियों और उनके सिद्धान्तों और उन विश्वासों के प्रति नफ़रत पैदा हो गई थी, जिनमें एक उनकी यह धारणा भी शामिल थी कि वे पूर्वी यूरोपीयों या यहूदियों से भिन्न ‘आर्यों’ की एक श्रेष्ठ और ‘शुद्ध नस्ल’ से संबंध रखते थे;