प्राचीन दुनिया में इसके लिए ऐसी नई विचारधाराओं और नई व्यवस्थाओं या शक्ति-संरचनाओं को गढ़ना ज़रूरी होता था, जो लोगों के बड़े समूहों को बहुत कम मेहनताने के बदले नए उद्यमों में अपना समय लगाने को विवश या तैयार कर सकती। मज़हब और इसी तरह हिंसा इस काम में काफ़ी मददगार साबित होते थे।