सूक्ष्म-पुरापाषाण-युगीन औज़ारों को लगभग 38000 वर्ष पूर्व भी इसी तरह हम श्रीलंका में प्रकट होते देखते हैं और उसके बाद वे लगभग 3000 वर्ष पूर्व तक क़ायम रहते हैं, लगभग उस समय तक जब लोहा, हिन्दुस्तान और श्रीलंका, दोनों ही जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराता है।