हिन्दुस्तान को अपने ‘दूसरे नगरीकरण’, जिसकी शुरुआत ईसापूर्व 500 में हुई थी, के लिए हड़प्पा सभ्यता के बाद एक हज़ार साल से भी ज़्यादा समय तक इन्तज़ार करना पड़ा, तो इसकी आंशिक वजह यह हो सकती है कि स्टेपी से आया यह नया वर्चस्वशाली अभिजात वर्ग स्पष्ट तौर पर एक ग़ैर-नगरीय, घूमन्तू जीवन-शैली को प्राथमिकता देता था।