अब वह दुबारा क्यों मारा जा रहा है? अब उस आदमी से क्या डर है, और किन्हें डर है? वास्तव में डर है, उन सिद्धान्तों, मूल्यों, मानवीयता, नैतिकताओं से जो गांधी देश को दे गए। ये अभी भी प्रबल हैं। जनमानस में बैठे हैं। इन्हें मिटाना उद्देश्य है। इन्हें मिटाए बिना संकीर्ण राष्ट्रीयता, अमानवीय व्यवस्था अपसंस्कृति लाई नहीं जा सकती और लोकतंत्र की भावना को मिटाया नहीं जा सकता।