Awara Bheed Ke Khatare (Hindi Edition)
Rate it:
Read between January 9 - August 23, 2022
6%
Flag icon
दिशाहीन, बेकार, हताश, नकारवादी, विध्वंसवादी बेकार युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती है। इसका उपयोग महत्त्वाकांक्षी खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति और समूह कर सकते हैं। इस भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी ने किया था। यह भीड़ धार्मिक उन्मादियों के पीछे चलने लगती है। यह भीड़ किसी भी ऐसे संगठन के साथ हो सकती है जो उनमें उन्माद और तनाव पैदा कर दे। फिर इस भीड़ से विध्वंसक काम कराए जा सकते हैं। यह
7%
Flag icon
भारतीय जनता पार्टी जिस संगठन का राजनीतिक मोर्चा है, वह गांधी और समाजवाद—दोनों का विरोधी है। मगर न गांधी कुछ बिगाड़ते, न समाजवाद, तो क्यों न उन्हें ले लिया जाए? चाहे जैसा इन्हें मोड़ सकते हैं। ये कुछ माँग नहीं करते।
8%
Flag icon
यही संविद प्रयोग 1977 में फिर हुआ। यह जयप्रकाश नारायण की ‘सम्पूर्ण क्रान्ति’ (या भ्रान्ति) का नतीजा था। गैर-संवैधानिक तरीके से सरकार गिराने का प्रयास थी यह क्रान्ति।
14%
Flag icon
यह सही है। इस परम सत्ता को, मनुष्य अपनी आखिरी अदालत मानता है। इस परम सत्ता से मनुष्य दया और मंगल की अपेक्षा करता है। फिर इस सत्ता के रूप बनते हैं, प्रार्थनाएँ बनती हैं। आराधना-विधि बनती है। पुरोहित वर्ग प्रकट होता है। कर्मकांड बनते हैं। सम्प्रदाय बनते हैं। आपस में शत्रु भाव पैदा होता है, झगड़े होते हैं। दंगे होते हैं। मजे की बात यह है कि डाकू भी उसी भगवान का आशीर्वाद माँगकर डाका डालने जाते हैं जिसका आशीर्वाद लेकर आदमी परोपकार करने जाता है।
26%
Flag icon
अब वह दुबारा क्यों मारा जा रहा है? अब उस आदमी से क्या डर है, और किन्हें डर है? वास्तव में डर है, उन सिद्धान्तों, मूल्यों, मानवीयता, नैतिकताओं से जो गांधी देश को दे गए। ये अभी भी प्रबल हैं। जनमानस में बैठे हैं। इन्हें मिटाना उद्देश्य है। इन्हें मिटाए बिना संकीर्ण राष्ट्रीयता, अमानवीय व्यवस्था अपसंस्कृति लाई नहीं जा सकती और लोकतंत्र की भावना को मिटाया नहीं जा सकता।