प्रोफेसर जिओवान्नि वेरार्डी ने कहा है कि स्तूप के काल - निर्धारण में इन सिक्कों की कोई खास भूमिका नहीं है। स्तूप का अस्तित्व सिक्कों से अलग है। स्तूप की निर्माण-सामग्री, अभिकल्पन, ईंटें, प्लेटफार्म - सब कुछ सिंधु घाटी सभ्यता के समकालीन हैं। ( चित्र - 3 )

