Indra  Vijay Singh

9%
Flag icon
उसे हमेशा बिट्‌टी पर आश्चर्य-सा होता था। पता नहीं, कौन-सा गुस्सा उसके भीतर दबा रहता था, जो ज़रा-सा छूते ही मवाद की तरह बहने लगता था…
एक चिथड़ा सुख
Rate this book
Clear rating