Dharmendra Chouhan

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“देखो भाई, लड़कियों पर तो कतई भरोसा नहीं किया जा सकता। कितनी बार समझाया था तुम्हें, पर तुम्हारे भेजे में कुछ नहीं घुसा ... पर ये प्रॉब्लम सिर्फ तुम्हारी नहीं है... संजय के साथ भी यही हुआ... मेरे साथ भी... प्रॉब्लम न हम लड़कों की है। हमारी पूरी प्रजाति ही मूर्ख है। हम मर्द लोग अपने सीने पर जो तमगा लगाए घूमते हैं ना- ‘लड़की पटा ली, देख तेरे भाई ने’, यह निहायत मूर्खता है। हम बेवक़ूफ़ ये नहीं समझ पाते कि पटाती हमें वो हैं। हम अगर पटा सकते तो जिसे चाहे पटा लेते। पर पटती वही है जो पटना चाहती है। तुम को कितनी लड़कियों ने इग्नोर किया होगा, पर क्या तुम अब तक एक भी लड़की को इग्नोर कर पाए हो? नहीं न ! ...more
Hazaaron Khwahishen (Hindi Edition)
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