सिनेमा महज़ 250 रुपये देकर एंटरटेनमेंट ख़रीदना नहीं। जानने की कोशिश कीजिए वह कौन लोग थे जिन्होंने आपको ढाई घंटे कुर्सी पर बाँधकर रखा। जो मन की खिड़की से सपनों की उड़नतश्तरी में बैठाकर आपको किसी जादूई दुनिया में ले गए। और ज़िंदगी को तमाम रसों से भर दिया। जिन्होंने प्यार करना सिखाया, रिश्ते की अहमियत समझाई और उस प्यार को पाना भी सिखाया। कभी टूटे दिल पर मरहम लगाया, कभी जीने की नयी राह दिखाई। खुली आँखों से सपने देखना सिखाया। और उन ख्वाहिशों को पूरा करना भी सिखाया।