Dharmendra Chouhan

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“घर पर बचपन से बहुत लड़ाई झगड़े देखे हैं। क्या हम हमेशा ऐसे ही लड़ेंगे?” उसने उदास मन से पूछा। “हाँ, अगर ख़ुद को दूसरे से बड़ा समझेंगे। अगर अहम को हावी होने देंगे। अगर एक-दूसरे पर शक करेंगे। पर हम ऐसी कोई भी नासमझी नहीं करेंगे।”
Hazaaron Khwahishen (Hindi Edition)
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